Best 80+ महापुरुषों के सर्वश्रेष्ठ सुविचार | Mahapurushon ke suvichar

Mahapurushon ke suvichar – इतिहास में कई असाधारण व्यक्तियों ने दुनिया पर अपनी छाप छोड़ी है – ऐसे लोग जो साधारण जन्म लेने के बावजूद अपनी बुद्धि, दृढ़ संकल्प और उपलब्धियों के ज़रिए महानता की ओर बढ़े। ये उल्लेखनीय हस्तियाँ हमें याद दिलाती हैं कि ज्ञान, दृढ़ता और उद्देश्य की गहरी भावना के साथ, कुछ भी संभव है। उनके जीवन शक्तिशाली उदाहरणों के रूप में खड़े हैं, और उनके शब्द कालातीत खजाने बन गए हैं जो आज भी हमें प्रेरित और मार्गदर्शन करते हैं।

इन महान दिमागों की शिक्षाएँ और उद्धरण हमारे अपने जीवन से गहराई से जुड़ते हैं, सफलता, जीवन और आत्म-अनुशासन के बारे में कालातीत सत्यों की अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। जब हम उनके ज्ञान को अपनाते हैं और इसे अपनी यात्रा में लागू करते हैं, तो हम भी महानता प्राप्त कर सकते हैं।

इस लेख में, हमने महात्मा गांधी, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, कबीर दास, तुलसीदास, गौतम बुद्ध, सुभाष चंद्र बोस, रवींद्रनाथ टैगोर और महर्षि वाल्मीकि जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों के कुछ सबसे गहन विचारों को संकलित किया है। इनमें से प्रत्येक महान व्यक्ति ने अपने जीवन के अनुभवों, दुनिया के बारे में अपने अवलोकन और एक बेहतर समाज बनाने की अपनी प्रतिबद्धता में निहित अंतर्दृष्टि साझा की। उनके शब्द आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने वे अपने समय में थे।

यदि आप इन महान विचारकों के कालातीत ज्ञान की तलाश में आए हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। सुविचारों का यह संग्रह न केवल प्रेरित करेगा बल्कि आपकी आत्मा को भी ऊपर उठाएगा। हमें उम्मीद है कि जब आप इन उद्धरणों को पढ़ेंगे, तो आपको ऐसे शब्द मिलेंगे जो आपके साथ गहराई से जुड़ेंगे, जैसे कि उन्होंने पूरे इतिहास में अनगिनत लोगों को प्रेरित किया है। उनके ज्ञान को एक उज्जवल भविष्य की ओर अपना मार्ग रोशन करने दें!

महापुरुषों के सर्वश्रेष्ठ सुविचार

किसी को तुम दिल से चाहो
और वो तुम्हारी कदर न करे तो
ये उनकी बदनसीबी है तुम्हारी नहीं।
—अमरनाथ भल्ला, लुधियाना

जन्म होने पर बंटने वाली मिठाई से
शुरू हुआ जिंदगी का यह खेल
श्राद्ध की खीर पर आकर खत्म हो जाता है।
यही जीवन की मिठास है
और बड़े दुर्भाग्य की बात है कि
बंदा इन दोनों मौकों पर
ये दोनों चीजें खा नहीं पाता।

गरीबों में अच्छा वक्त आने की
उम्मीद रहती है लेकिन
अमीरों को सदा बुरा वक्त आने का
खौफ रहता है।

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हमें हार नहीं माननी चाहिए
और समस्या को हमें हराने की
अनुमति नहीं देनी चाहिए।
– ए पी जे अब्दुल कलाम

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अपने मन और प्रकृति को
अशुद्धियों से शुद्ध रखने के लिए,
अपने आलोचकों के लिए
अपने पिछवाड़े में
एक झोपड़ी बनाएं
और उन्हें पास रखें।
– कबीर

बकरे के जीवन का
मूल्य मनुष्य के जीवन से
कम नही है।
जो जीव जितना अधिक अपग है,
उतना ही उसे मनुष्य की कूरता से
बचने के लिये मनुष्य का
आश्रय पाने का अधिकार है।
– महात्मा गाँधी

विद्वानों के अनमोल वचन

महात्मा गाँधी

दुर्बल चरित्र वाला मनुष्य
उस सरकण्डे की भाति है
जो हवा के हर भळोंके पर
भळुक जाता है।
– महात्मा गाँधी

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कठोर वचन तुम्हारे शरीर को
भेद नहीं सकते।
अगर कोई आपके बारे में
बुरा बोलता है, तो
बस बेफिक्र होकर चलते रहें।
– साईं बाबा

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जो अंतर को देखता है,
बाह्य को नहीं,
वही सच्चा कलाकार है।
– महात्मा गाँधी

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यदि आप धनवान हैं,
तो विनम्र बनें।
फल लगने पर पौधे झुक जाते हैं।
– साईं बाबा

घर मे यदि दीपक न जले तो वह दरिद्रता का चिन्ह है। हृदय मे ज्ञान का दीपक जलाना चाहिए। हृदय मे ज्ञान दीपक जला कर उस को देखो।
– श्री रामकृष्ण परमहम

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आप केवल खड़े होकर
पानी को घूर कर
समुद्र पार नहीं कर सकते।
– रविंद्रनाथ टैगोर

भरोसा तो अपनी
सांसों का भी नहीं है
और हम इंसान पर करते हैं।

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दूसरों के दोष न देखें।
अपना चरित्र सुधारें।
अपना चरित्र पवित्र बनाएं।
संसार अपने आप सुधर जाएगा। — स्वमाी विवेकानंद

परमात्मा में विश्वास और उनके प्रति स्वार्पण करने वाले मानव को कभी किसी वस्तु की कमी नहीं रहती। —श्री वैणीराम शर्मा

मनुष्य के जीवन की
सफलता इसी में है कि
वह उपकार करने वाले
व्यक्ति को कभी न भूले। —वेद व्यास

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“तितली महीने नहीं क्षण गिनती है,
और उसके पास पर्याप्त समय होता है।”
“रबिन्द्रनाथ टैगोर”

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“हम महानता के
सबसे करीब तब होते है,
जब हम विनम्रता में
महान होते है |”
“रवीन्द्रनाथ टैगोर”

साधु संतों के अनमोल वचन

संसार में ऐसे लोग थोड़े ही होते हैं,
जो कठोर किंतु हित की
बात कहने वाले होते है
– महर्षि वाल्मीकि

दया धर्म का मूल है,
पाप – मूल अभिमान |
तुलसी दया न छोडिए,
जब लगि घट में प्रान ||
“तुलसीदास”

सबसे बड़ा दान तो अभयदान है,
जो सत्य, अहिंसा का पालन
करने से दिया जा सकता है |
“वेदव्यास”

भक्ति वह है जो ज्ञान उत्पन्न करती है; ज्ञान वह है जो स्वतंत्रता को गढ़ता है।
– तुलसीदास

जो अकेले चलते है,
वे तेजी से बढ़ते है |
“नैपोलियन”

अधिकार खोकर बैठे रहना
यह महादुष्कर्म है |
“मैथलीशरण गुप्त”

शुद्ध न्याय में शुद्ध दया होनी चाहिए,
न्याय का विरोध करने वाली दया,
दया नहीं बल्कि क्रूरता है |
“महात्मा गाँधी”

सबसे अच्छा मनुष्य वह है,
जो अपनी प्रगति के लिए
सबसे अधिक श्रम करता है |
“सुकरात”

अनुशासन किसी के ऊपर थोपा नहीं जाता,
अपितु आत्म अनुशासन लाया जाता है |
“अटल बिहारी बाजपेयी”

आध्यात्मिक महापुरुषों के विचार

दुःख को दूर करने की
एक ही औषधि है –
मन से दुखों की चिंता न करना
“वेदव्यास”

इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है,
सफलता का आनन्द
उठाने के लिए ये जरुरी है |
“अब्दुल कलाम”

अपने आप पर
विजय प्राप्त करना ही
आपकी महानतम विजय होती है। – प्लेटो

मित्रता बहुत सावधानीपूर्ण करें। पर जब कर लीजिये तो उसे पूरी ईमानदारी और दृणता के साथ निभाइये। – सुकरात

मैं अगर असफल हो गया तो मुझे कोई अफ़सोस नहीं। यदि मैनें प्रयास नहीं किया तो मुझे जरूर अफ़सोस होगा। – जेफ बेज़ोस

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गलती से भी अपने राज किसी दूसरों को न बतायें वो आपको बर्बाद कर सकते हैं। – चाणक्य

जीवन एक अवसर है,
इससे लाभ लें।
जीवन सौंदर्य है,
इसकी प्रशंसा करें।
जीवन एक सपना है,
इसे साकार करें। – मदर टेरेसा

यदि बहरों को सुनना है तो
आवाज को बहुत
जोरदार होना होगा। – भगत सिंह

अच्छे चरित्र निर्माण करना ही
छात्रों का मुख्य
कर्तव्य होना चाहियें। – नेताजी सुभाष चन्द्र बोस

शक्ति शारीरिक क्षमता से नहीं आती है बल्कि यह एक अदम्य इच्छा शक्ति से आता है – महात्मा गांधी Mahatma Gandhi

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